इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...! इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...!
उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी। उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी।
नादां नज़र की नादां अदायें , नादानियों में उलझ के मचल गईं। नादां नज़र की नादां अदायें , नादानियों में उलझ के मचल गईं।
आये हौले से ,कमरा खिल उठा एकदम , उनके छूने से .....बजने लगी नई सरगम। आये हौले से ,कमरा खिल उठा एकदम , उनके छूने से .....बजने लगी नई सरगम।
कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है! कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है!
ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी... ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी...